अपनी वेबसाइट पर EEAT को अपनाएं और ऑन-पेज SEO में लगाएं रफ्तार | EEAT FULL FORM

 अनुक्रमणिका (Table of Content)

 

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E E A T FULL FORM = Expertise, Experience, Authoritativeness, Trustworthiness

आज के समय में केवल कीवर्ड भर देना या backlinks बनाना ही SEO नहीं रह गया है। गूगल अब वेबसाइट की गुणवत्ता, भरोसे और प्रामाणिकता को भी महत्व देता है। यही कारण है कि EEAT का कॉन्सेप्ट (Expertise, Experience, Authoritativeness, Trustworthiness) इतना ज़रूरी बन गया है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि EEAT को अपनी साइट पर कैसे लागू करें और इसके जरिए ऑन-पेज SEO को कैसे बेहतर बनाएं।

अगर आप गूगल में अच्छी रैंक पाना चाहते हैं तो केवल कंटेंट लिखना काफी नहीं है। अब जरूरी है कि आप खुद को उस टॉपिक का जानकार (Expert) साबित करें और यूजर का भरोसा जीतें। EEAT यही सुनिश्चित करता है कि आपका कंटेंट न केवल सही हो, बल्कि विश्वसनीय और उपयोगकर्ता के लिए उपयोगी भी हो।

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1. EEAT क्या है?

EEAT का मतलब है Expertise (विशेषज्ञता), Experience (अनुभव), Authoritativeness (अधिकारिता), और Trustworthiness (भरोसेमंदता)। यह चारों फैक्टर मिलकर गूगल को यह निर्णय लेने में मदद करते हैं कि किसी वेबसाइट या पेज की गुणवत्ता कितनी अच्छी है। EEAT की मदद से सर्च इंजन यह तय करता है कि कौन-सी साइट्स अपने क्षेत्र में वास्तविक विशेषज्ञता रखती हैं।

गूगल की Search Quality Evaluator Guidelines में EEAT को एक अहम फैक्टर माना गया है। अगर आपकी वेबसाइट में EEAT की कमी है, तो भले ही कंटेंट अच्छा हो, रैंकिंग में कमी आ सकती है। इसीलिए EEAT को समझना और उसे अपने कंटेंट तथा वेबसाइट स्ट्रक्चर में लागू करना बेहद जरूरी है।

2. EEAT को अपनी वेबसाइट पर कैसे लागू करें?

2.1. अपने Niche में एक्सपर्ट बनें

अगर आप किसी विशेष विषय पर वेबसाइट चला रहे हैं, तो आपको उस क्षेत्र में खुद को एक एक्सपर्ट के रूप में दिखाना होगा। इसके लिए आप अपने वेबसाइट के "About Us" पेज पर अपने अनुभव, योग्यता और उपलब्धियों को शेयर कर सकते हैं। साथ ही, हर आर्टिकल के नीचे लेखक की जानकारी जरूर दें, जिससे यूज़र को पता चले कि यह जानकारी किसी जानकार व्यक्ति द्वारा दी गई है।

आपके ब्लॉग पोस्ट में ऐसी जानकारियां होनी चाहिए जो सीधे आपकी विशेषज्ञता को दर्शाए। उदाहरण के लिए, अगर आपकी साइट हेल्थ से जुड़ी है, तो मेडिकल बैकग्राउंड या किसी डॉक्टर का सहयोग जरूर दिखाएं। इससे यूज़र और गूगल दोनों का भरोसा मजबूत होगा।

2.2. अनुभव दिखाएं

Content में अपनी व्यक्तिगत कहानियों, केस स्टडी, या रियल एक्सपीरियंस को जोड़ना EEAT को मजबूत बनाता है। इससे यूज़र को यह समझ में आता है कि आपने जो जानकारी दी है, वह केवल इंटरनेट से कॉपी नहीं की गई बल्कि आपने खुद उसका अनुभव किया है।

उदाहरण के लिए, अगर आप ट्रैवल ब्लॉग चला रहे हैं, तो वहां आपने खुद जिन जगहों की यात्रा की है, उनके अनुभव को शामिल करें। फोटो, वीडियो, या छोटे रिव्यू जोड़कर यूज़र के साथ एक वास्तविक जुड़ाव बना सकते हैं।

2.3. अधिकार और वैधता स्थापित करें

अपनी साइट को अधिक ऑथरिटेटिव बनाने के लिए जरूरी है कि दूसरे भरोसेमंद वेबसाइट्स से आपकी साइट की लिंकिंग हो। इसके लिए आप गेस्ट पोस्टिंग, मीडिया कवरेज, या अन्य विशेषज्ञों के साथ कोलैबोरेशन कर सकते हैं। इससे गूगल को संकेत मिलता है कि आपकी साइट विश्वसनीय है।

इसके अलावा आप अपने आर्टिकल में ऑथरिटेटिव साइट्स जैसे कि .gov, .edu या नामी ब्रांड्स के लिंक जोड़ सकते हैं। यह दर्शाता है कि आप अच्छी तरह रिसर्च करके कंटेंट बना रहे हैं और अन्य विश्वसनीय स्रोतों को भी मान्यता देते हैं।

2.4. भरोसेमंद बनें

वेबसाइट पर HTTPS सिक्योरिटी, क्लियर प्राइवेसी पॉलिसी, और कांटेक्ट डिटेल्स देना आपकी साइट को ट्रस्टवर्दी बनाता है। यूज़र अगर आपकी साइट पर भरोसा करता है, तो वह ज्यादा समय बिताएगा और वापस भी आएगा।

इसके अलावा आप अपनी साइट पर सोशल प्रूफ जैसे कि रिव्यू, टेस्टिमोनियल्स, या कस्टमर फीडबैक भी शामिल कर सकते हैं। इससे नए विज़िटर्स को यह समझ में आता है कि लोग आपकी वेबसाइट को पसंद और भरोसा करते हैं।

3. EEAT और ऑन-पेज SEO का कनेक्शन

गूगल जब किसी पेज को रैंक करता है, तो वह सिर्फ कीवर्ड नहीं देखता बल्कि यह भी देखता है कि कंटेंट कितना एक्सपर्टली लिखा गया है और उस पर कितना भरोसा किया जा सकता है। EEAT सीधे तौर पर गूगल के एल्गोरिद्म को संकेत देता है कि आपकी साइट की वैल्यू कितनी है।

ऑन-पेज SEO के तत्व जैसे कि ऑथर बायो, इंटरनल लिंकिंग, स्कीमा मार्कअप आदि भी EEAT को सपोर्ट करते हैं। अगर आप EEAT को अच्छे से लागू करते हैं, तो आपकी साइट की ऑन-पेज SEO स्ट्रेंथ भी खुद-ब-खुद बढ़ती है।

4. ऑन-पेज SEO बढ़ाने के तरीके

4.1. टाइटल टैग और मेटा डिस्क्रिप्शन

एक आकर्षक और कीवर्ड युक्त टाइटल टैग न सिर्फ CTR (Click Through Rate) बढ़ाता है, बल्कि यह गूगल को यह भी बताता है कि आपका पेज किस बारे में है। वहीं, मेटा डिस्क्रिप्शन में EEAT से जुड़ी बातों जैसे "अनुभव आधारित गाइड" या "विशेषज्ञों द्वारा तैयार" जैसे शब्द जोड़ सकते हैं।

टाइटल और डिस्क्रिप्शन को छोटा और स्पष्ट रखें, ताकि यूज़र को तुरंत समझ में आ जाए कि यह पेज उनके लिए उपयोगी है। कोशिश करें कि उसमें आपकी विशेषज्ञता और भरोसे की झलक भी हो।

4.2. हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल

कंटेंट को अच्छी तरह से स्ट्रक्चर देने के लिए H1, H2, H3 टैग्स का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है। इससे न केवल यूज़र को पढ़ने में आसानी होती है, बल्कि सर्च इंजन भी आपके पेज को बेहतर तरीके से समझ पाता है।

हर हेडिंग के नीचे EEAT से जुड़ी जानकारी दें, ताकि यूज़र को लगे कि उन्हें गहराई से जानकारी मिल रही है। इससे Dwell Time बढ़ेगा और गूगल को संकेत मिलेगा कि आपकी साइट की कंटेंट क्वालिटी हाई है।

4.3. इमेज ऑप्टिमाइजेशन

वेबसाइट की इमेज को ऑप्टिमाइज़ करना ऑन-पेज SEO के लिए फायदेमंद होता है। ALT टेक्स्ट में टॉपिक से संबंधित कीवर्ड डालें और फाइल का साइज कम रखें ताकि पेज जल्दी लोड हो।

आप EEAT को सपोर्ट करने के लिए रियल इमेजेज, स्क्रीनशॉट्स, और चार्ट्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे यूज़र को लगता है कि आपने अच्छे से रिसर्च किया है और खुद कंटेंट तैयार किया है।

4.4. इंटरनल और एक्सटर्नल लिंकिंग

अपने ब्लॉग में अन्य संबंधित पोस्ट्स के लिंक देना इंटरनल लिंकिंग कहलाता है। यह साइट की SEO स्ट्रेंथ को बढ़ाता है और बाउंस रेट को कम करता है।

वहीं दूसरी तरफ, एक्सटर्नल लिंकिंग में आप भरोसेमंद और ऑथरिटेटिव साइट्स को लिंक करते हैं। इससे गूगल को पता चलता है कि आपने अपने कंटेंट को रिसर्च आधारित बनाया है।

4.5. मोबाइल फ्रेंडली और तेज लोडिंग साइट

आज ज्यादातर लोग मोबाइल से वेबसाइट ब्राउज़ करते हैं, इसलिए मोबाइल फ्रेंडली डिज़ाइन जरूरी है। इसके अलावा साइट की लोडिंग स्पीड भी EEAT और SEO दोनों के लिए महत्वपूर्ण फैक्टर है।

एक स्लो साइट यूज़र एक्सपीरियंस को खराब करती है और ट्रस्ट को भी प्रभावित करती है। इसलिए AMP का उपयोग करें, इमेज कंप्रेस करें और अच्छे होस्टिंग प्रोवाइडर का चुनाव करें।

5. EEAT और SEO के लिए जरूरी टूल्स

Google Search Console आपकी साइट की परफॉर्मेंस को समझने में मदद करता है और यह भी बताता है कि कौन-से पेज रैंक कर रहे हैं। इसके अलावा आप Ahrefs या Semrush जैसे टूल्स का उपयोग करके बैकलिंक्स, कीवर्ड और ऑथोरिटी स्कोर ट्रैक कर सकते हैं।

Surfer SEO या NeuronWriter जैसे AI टूल्स EEAT-फ्रेंडली कंटेंट लिखने में मदद करते हैं। साथ ही Schema Markup Validator का प्रयोग करके आप अपने पेज के स्कीमा डेटा की जांच कर सकते हैं, जो EEAT को मजबूत बनाता है।

6. निष्कर्ष

EEAT का फुल फॉर्म Expertise, Experience, Authoritativeness, Trustworthiness है। यहां EEAT और ऑन-पेज SEO दोनों मिलकर आपकी वेबसाइट की सफलता तय करते हैं। सिर्फ कीवर्ड और बैकलिंक्स से काम नहीं चलता, अब गूगल को यह दिखाना जरूरी है कि आपकी वेबसाइट पर असली लोग, असली अनुभव और असली विशेषज्ञता है।

अगर आप ऊपर दिए गए सुझावों को फॉलो करते हैं, तो न सिर्फ आपकी साइट का SEO सुधरेगा, बल्कि यूज़र्स का भरोसा भी बढ़ेगा। अंततः यही दोनों फैक्टर आपकी वेबसाइट को टॉप पर ले जाने में मदद करेंगे।

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