रडार का फुल फॉर्म क्या होता है | What is the full form of RADAR in hindi
RADAR का फुल फॉर्म RADIO DETECTION AND RANGING है। यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम होता है। इसका प्रयोग किसी वस्तु की दूरी और स्थान का पता लगाने के लिए किया जाता है।इसके प्रयोग से किसी वस्तु का पता लगाने के लिए बहुत ज्यादा आवर्ती अथवा रेडियो आवर्ती वेव का उपयोग होता है। यह किसी गतिमान वस्तु की दिशा के साथ-साथ गति का भी पता लगा सकती है।
RADAR FULL FORM = RADIO DETECTION AND RANGING
रडार में एक ट्रांसमीटर का प्रयोग किया जाता है जो रेडियो या माइक्रोवेव ( सूक्ष्मतरंगों तरंगों ) को एक ट्रांसमिटिंग डिवाइस के द्वारा प्रसारित करता है। तरंगे ऑब्जेक्ट से टकराकर Reflect हो जाती है और तरंगो के परावर्तित हो कर वापस आने के समय को मापा जाता है।
हमारी आखों से जितनी दूर तक देखा जा सकता है उससे कहीं अधिक दूरी तक रडार की मदद से ऑब्जेक्ट की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। वर्षा कोहरा धुंध आदि में भी रडार की सहायता से ऑब्जेक्ट की दिशा और दूरी का पता लगाना आसान है। लेकिन आखों की तुलना में रडार वस्तुओं के रंग और बनावट का सटीक चित्रण नहीं नहीं कर सकता केवल ऑब्जेक्ट की आकृति का सिर्फ आभास होता है।
रडार के कार्य करने का सिद्धांत
1 :- रडार प्रणाली विशिष्ट दिशाओं में तरंगों को प्रसारित करता है जिन्हें रडार संकेतों के रूप में भी जाना जाता है।
2 :- जब सिग्नल किसी वस्तु से टकराता है तो चार प्रतिक्रियाएं होती है परावर्तन, प्रकीर्णन, अबोर्शन और पेनिट्रेशन।
3 :- रिफ्लेक्ट हुए सिग्नल अथवा वेव रिसीवर द्वारा पढ़ा जाता है और सिग्नल एक उचित संदेश में बदल जाता है।
4 :- तरंगों का पेनिट्रेशन प्रकीर्णन और अवशोषण कम होता है। इसलिए परिवर्तित वेव ज्यादा स्ट्रांग नहीं होती इसलिए हम सिग्नल को पुनः प्राप्त करने के लिए कुछ परिष्कृत तरीकों को काम में लेते हैं।
अविष्कार
रडार का आविष्कारक रॉबर्ट वाटसन वाट है। रेडियो तरंगों का आविष्कार करने वाले हाइनरिख हेटर्स ने 1886 में यह कहा कि यदि यह तरंगें किसी ठोस सतह से टकराए तो उनकी स्थिति में बदलाव आ जाएगा। इन बदलावों का पता 1925 में लगा दिया गया। इसके बाद रडार का सही प्रयोग 1930 तक किया जाने लगा। कई देशों द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे गुप्त रूप से निर्मित और नियोजित किया गया। अमेरिकी नौसेना ने 1940 में रडार शब्द का वर्णन किया।
रडार प्रणाली के आवश्यक भाग
1 :- ट्रांसमीटर
इसको पावर एंपलीफायर बोल सकते हैं जो कि इलेक्ट्रॉन की तरह ट्रैवलिंग वेव ट्यूब अथवा मैग्नेट्रॉन की तरह होता है।
2 :- वेव गाइड्स
यह ट्रांसमिशन लाइनें है जो वेव गाइड्स रडार सिग्नलों के प्रसारण के काम आती है
4 :- एंटीना :- इसमें एक एंटीना का प्रयोग होता है
5 :- डुप्लेक्स
यह एंटीना को ट्रांसमीटर अथवा रिसीवर के रूप में उपयोग करने की अनुमति देता है।
6 :- रिसीवर
इसमें सिग्नल का पता लगाने और प्रोसेस करने के लिए प्रोसेसर होता है
7 :- थ्रेसहोल्ड डिसीजन
वस्तु की सही स्थिति का पता लगाने के लिए रिसीवर के आउटपुट की तुलना थ्रेसहोल्ड के साथ की जाती है।
रडार के प्रकार
1 :- Bistatic रडार
2 :- Doppler रडार
3 :- Monopulse रडार
4 :- Passive रडार
5 :- Instrumentation रडार
6 :- Weather रडार
7 :- Mapping रडार
8 :- Navigational रडार
9 :- Pulsed रडार
रडार के मुख्य उपयोग
अलग-अलग क्षेत्रों में रडार के अलग-अलग उपयोग होते हैं।
सैन्य उपयोग
सेना में इसके प्रमुख उपयोग निम्न हैं :-
1 :- एयर फोर्स में इसका उपयोग लक्ष्य का पता लगाने, लक्ष्य पहचानने और हथियार कंट्रोल (पहचान किए गए लक्ष्यों को हथियार के लिए निर्देशित करने) के लिए किया जाता है।
2 :- इसका उपयोग हथियार का मार्गदर्शन करने के लिए एक मिसाइल प्रणाली में किया जाता है।
3 :- नक्शे पर दुश्मन के स्थानों की पहचान करना के लिए।
हवाई यातायात के नियंत्रण के लिए इसके प्रमुख प्रयोग निम्न हैं:-
1 :- एयर ट्रैफिक के नियंत्रण के लिए
2 :- इसका उपयोग हवाई यातायात को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
3 :- इसका उपयोग हवाई अड्डे के टर्मिनलों में विमान की स्थिति का पता लगाने और प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
4 :- सटीक दृष्टिकोण राडार का उपयोग करके विमान को खराब मौसम में उतरने के लिए मार्गदर्शन करना।
5 :- विमान और जमीन वाहन मार्ग के लिए हवाई अड्डे की सतह को स्कैन करने के लिए
सुदूर संवेदन ( Remote sensing ) के लिए
1 :- इसका उपयोग जहाजों के लिए एक सुगम मार्ग पता करने के लिए
2 :- ग्रहों की स्थिति की निगरानी के लिए
3 :- समुद्री बर्फ की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
ग्राउंड ट्रैफिक कंट्रोल के लिए
1 :- इसका उपयोग ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन की गति पता करने के लिए किया जाता है।
2 :- वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए
अंतरिक्ष क्षेत्र में इसके प्रमुख अनुप्रयोग निम्न हैं
1 :- चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान का मार्गदर्शन करना
2 :- ग्रहीय प्रणालियों का अवलोकन करना
3 :- उपग्रहों का पता लगाने और उल्काओं को ट्रैक करने के लिए उनकी की निगरानी करना
निष्कर्ष
इस पोस्ट में RADAR के फुल फॉर्म के बारे में जानकारी दी गई है और RADAR के कार्य बताए गए हैं। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो इसे शेयर करें और साथ ही आप हमें कमेन्ट भी कर सकते है।
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